गाय पालन पर छत्तीसगढ़ी कविता

गाय पालन पर छत्तीसगढ़ी कविता पैरा भूँसा ,कांदी-कचरा,कोठा कोंन सँवारे,हड़ही होगे ,बछिया कहिके रोजेच के धुत्कारे।। बगियाके बुधारू ,छोड़िस,गउधन आन खार।बांधे-छोरे जतने के,झंझट हे बेकार।। बछिया आगे शहर डहर अउपारा-पारा घुमय।कोनो देदे रोटी-भातलइका मन ह झुमय।। देखते-देखत बछिया संगीघोसघोस ले…

हिन्दी पत्रकारिता दिवस पर कविता

हिन्दी पत्रकारिता दिवस पर कविता सच कहो,चाहे तख्त पलट दो, चाहे ताज बदल दोभले “साहब” गुस्सा हो, चाहे दुनिया इधर से उधर होतुम रहो या ना रहोपर, जब कुछ कहो तो, सच कहो। सच पर ही तो, न्याय टिका हैशासन…

दीपावली पर कविता (Diwali kavita in hindi)

का के राजा रावण का वध कर पत्नी सीता और भाई लक्ष्मण के साथ अयोध्या वापस लौटे तो उस दिन पूरी अयोध्या नगरी दीपों से जगमगा रही थी. भगवान राम के 14 वर्षों के वनवास के बाद अयोध्या आगमन पर दिवाली…

करवा चौथ पर कविता

करवाचौथ पर हिंदी कविता

करवाचौथ पर हिंदी कविता- करवा चौथ हिन्दुओं का एक प्रमुख त्योहार है। यह भारत के जम्मू, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, मध्य प्रदेश और राजस्थान में मनाया जाने वाला पर्व है। यह कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को मनाया जाता है। यह पर्व सौभाग्यवती (सुहागिन) स्त्रियाँ मनाती हैं। यह व्रत सवेरे सूर्योदय से पहले लगभग 4 बजे से आरंभ होकर रात में चंद्रमा दर्शन के उपरांत संपूर्ण होता है।

हिन्दी की महत्ता पर कविता

हिन्दी की महत्ता पर कविता – मानव जाति अपने सृजन से ही स्वयं को अभिव्यक्त करने के तरह-तरह के माध्यम खोजती रही है। आपसी संकेतों के सहारे एक-दूसरे को समझने की ये कोशिशें अभिव्यक्ति के सर्वोच्च शिखर पर तब पहुँच…