by कविता बहार | Mar 24, 2019 | हिंदी कविता
तीन कविताएं 1बाहें फैलायेमांग रही दुआएँ,भूल गया क्यामेरी वफ़ाएँ!ओ निर्मोही मेघ!इतना ना तरसा,तप रही तेरी वसुधाअब तो जल बरसा!... by कविता बहार | Mar 24, 2019 | विविध छंदबद्ध काव्य
कश्मीरी पत्थरबाजों पर दोहे धरती का जो स्वर्ग था, बना नर्क वह आज।गलियों में कश्मीर की, अब दहशत का राज।।भटक गये सब नव युवक, फैलाते आतंक।सड़कों पर तांडव करें, होकर के निःशंक।।उग्रवाद की शह मिली, भटक गये कुछ छात्र।ज्ञानार्जन की उम्र में, बने घृणा के पात्र।।पत्थरबाजी खुल... by कविता बहार | Mar 24, 2019 | हिंदी कविता
यहाँ पर चंद्रभान पटेल चंदन के ग़ज़ल (Chandan Ke Gazal) के बारे में पढेंगे यदि आपको अच्छी लगी हो तो शेयर जरुर करें hindi gazal || हिंदी ग़ज़ल मैं दरिया के बीच कहीं डूबा पत्थर मैं दरिया के बीच कहीं डूबा पत्थर ,तू गहनों में जड़ा हुआ महँगा पत्थर।। तुझ को देख के नदी का पानी... by कविता बहार | Mar 24, 2019 | विविध छंदबद्ध काव्य, हिंदी कविता
रामनाथ की कुण्डलिया (1) प्रातः जागो भोर में , लेके हरि का नाम । मातृभूमि वंदन करो... by कविता बहार | Mar 24, 2019 | Uncategorized
जाऊँ कैसे घर मैं गुजरिया नटखट कान्हा ने रंग दी चुनरिया जाऊँ कैसे घर मैं गुजरियानीर भरन मैं चली पनघट को देख ना पाई उस नटखट कोडाली पे बैठा कदंब के ऊपरधम्म से कूदा मेरे पथ पर रोकी जो उसने मेरी डगरिया जाऊँ—- मेरी नजरें पथरा गई थी मैं तो बस घबरा...