वृंदावन की होली पर कविता

वृंदावन की होली पर कविता पकड़ कलाई  रंग ड़ार दियो हाय भीगी मोरी चुनरिया ।श्याम रोके मोरी डगरिया ।ग्वाल सखाओं  की  लेकर  टोलीकान्हा आगये   खेलन होलीदेख कर मोहे निपट अकेलीकरने लगे कान्हा जोरा जोरीमैं शरमाऊँ ड़र ड़र जाऊँ न छोड़े मोरी कलइयां।श्याम रोके मोरी डगरिया ।वृंदावन...

मिल मस्त हो कर फाग में

मिल मस्त हो कर फाग में सब झूम लो रस राग में।मिल मस्त हो कर फाग में।।खुशियों भरा यह पर्व है।इसपे हमें अति गर्व है।।यह मास फागुन चाव का।ऋतुराज के मधु भाव का।।हर और दृश्य सुहावने।सब कूँज वृक्ष लुभावने ।।मन से मिटा हर क्लेश को।उर में रखो मत द्वेष को।।क्षण आज है न विलाप...
होलिका दहन पर हिंदी कविता / पंकज प्रियम

होलिका दहन पर हिंदी कविता / पंकज प्रियम

होलिका दहन पर हिंदी कविता / पंकज प्रियम holika-dahan बुराई खत्म करने का प्रण करेंआओ फिर होलिका दहन करें।औरत की इज्जत का प्रण करें,आओ फिर होलिका दहन करें। यहां तो हर रोज जलती है नारीदहेज कभी दुष्कर्म की है मारीरोज कोई रावण अपहरण करेपहले इनका मिलकर दमन करेआओ...
होली के दोहे – बासुदेव अग्रवाल

होली के दोहे – बासुदेव अग्रवाल

होली वसंत ऋतु में मनाया जाने वाला एक महत्वपूर्ण भारतीय और नेपाली लोगों का त्यौहार है। यह पर्व हिंदू पंचांग के अनुसार फाल्गुन मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है। होली रंगों का तथा हँसी-खुशी का त्योहार है। यह भारत का एक प्रमुख और प्रसिद्ध त्योहार है, जो आज विश्वभर में...

ऋतु बसंत आ गया

ऋतु बसंत आ गया           बिखरी है छटा फूलों की,          शोभा इंद्रधनुषी रंगों की,          कोयल की कूक कर रही पुकार,          ऋतु बसंत आ गया,          आओ मंगल-गान करें।महुए के फूलों की मदमाती बयार,आम्र मंजरी की बहकाती मनुहार,सुरमई हुए जीवन के तार,ऋतु बसंत आ गया,आओ...