by कविता बहार | Mar 17, 2019 | हिंदी कविता
सिर पर है चुनाव बीच बवंडर गोते खाती, फंस गई जैसे नाकुछ ऐसा माहौल बना है, सिर पर है चुनावउबड़ खाबड़ गड्ढे वाले, अब दिखते है गांवये अब तो मुद्दा है भैया, सिर पर है चुनावअपनी मांगे हमको तुम , झट से बतलावलगे हाथ झट पूरी होंगी,सिर पर है चुनावबरसों से है गांव अंधेरा, खम्भे भी... by कविता बहार | Mar 10, 2019 | हिंदी कविता
स्वयंसिद्धा देहरी को लाँघने ,साहस सदा तुममें रहा,अधिकार के सत्कार मेंकर्तव्य की कारा बना,क्यूँ प्रश्न वाचक तुम बनी,अवधारणा को तोड़खोल पाँखे खोलहै तू सदा से ही ,जगतनियन्ता ने बनायासृष्टि के आदि से,पुराण, वेद, उपनिषद्कालातीत से कालांतरगढ़ा है ,सुझाया,जन्म जन्मातर... by Dr. Sukmoti Chouhan | Mar 10, 2019 | विविध छंदबद्ध काव्य, हिंदी कविता
दुर्गा या आदिशक्ति हिन्दुओं की प्रमुख देवी मानी जाती हैं जिन्हें माता, देवी, शक्ति, आध्या शक्ति, भगवती, माता रानी, जगत जननी जग्दम्बा, परमेश्वरी, परम सनातनी देवी आदि नामों से भी जाना जाता हैं।शाक्त सम्प्रदाय की वह मुख्य देवी हैं। दुर्गा को आदि शक्ति, परम... by कविता बहार | Mar 10, 2019 | हिंदी कविता
बेटा-बेटी में भेद क्यों पर कविता सागर होते हैं बेटे, तो गंगा होती है बेटियांचांद होते हैं बेटे, तो चांदनी होती हैं बेटियांजग में दोनों ही अनमोल फिर भेद कैसा।।कमल होते बेटे,तो गुलाब होती हैं बेटियांपर्वत होते बेटे, तो चट्टान होती हैं बेटियांजग में दोनों ही अनमोल फिर... by Dr. Sukmoti Chouhan | Mar 10, 2019 | हिंदी कविता
गौरैया पर कविता तू आई मेरे आँगन मेंअपने नन्हें बच्चे को लेकरफूदक फूदक खिला रही थीअपना चोंच, चोंच में देकरसजग सब खतरों सेताकती घुम घुम करनजाकत से चुगती दानाआहट पा उड़ जाती फुर्रदानों को खत्म होता देखमिट्ठी भर अनाज बिखराईडरकर क्यों तू चली गईजब मैंने सहृदयता दिखलाईप्यारी...