ऋतुराज का आगमन

ऋतुराज का आगमन ऋतुराज बसंत लेकर आयेवसंत पंचमी, शिवरात्रि और होलीआ रही पेड़ों के झुरमुट सेकोयल की वो मीठी  बोली । बौरों से लद रहे आम वृक्षहै बिखर रही महुआ की गंधनव कोपल से सज रहे वृक्षचल रही वसंती पवन मंद । पलाश व सेमल के लाल-लाल फूलभँवरे मतवाले का मधुर गानसौन्दर्य...

सुंदर पावन धरा भारती

सुंदर पावन धरा भारती सुंदर पावन धरा भारती ।आओ उतारें हम आरती ••२ नवचेतना के द्वार खोल अबसुनें कविता सृजन की आवाजखत्म हो हैवानियत की इन्तहांइंसानियत का ही हो आगाजसुंदर पावन धरा भारती ।आओ उतारें हम आरती ••२ नतमस्तक हो हम सभीअर्पण करें पूजा के फूलन कोई पीड़ा, न कुंठामन...

जब याद तुम्हारी आती है

जब याद तुम्हारी आती है जब याद तुम्हारी आती हैमन आकुल व्याकुल हो जाता हैतुम चांद की शीतल छाया होतुम प्रेम की तपती काया हो। तुम आये भर गये उजालेसफल हुए सपने जो पालेद्वार हंसे, आंगन मुसकायेभाग्य हो गये मधु के प्याले । तुम हो सावन की रिमझिम फुहारतुम फागुन के रंग रसियाजिन...

नयनों की भाषा

नयनों की भाषा तुमने चाहा थामैं  कुछ सीखूँकुछ  समझूँकुछ  सोचूँपर  जब मैंनेकुछ   सीखाकुछ  समझाकुछ  सोचातब  तक बहुत देरहो चुकी थी,मेरे जीवन केअनेक फासलेतय हो चुके थेजिन्दगी नये राह पर थी । आजजब तुम अचानकमेरे सामने आईमुझे...

दौलत की भूख

दौलत की भूख आया कैसा नया ज़मानादौलत आज सभी को पानायह एक ऐसी भूख हैरिश्तों की बेल जाती सूखकिसी की परवाह न करे इंसान झूठ बोलने में माहिर हुआकुत्सित काम है बात आमलालच ने यूं अंधा कियाभ्रष्टाचार  अंदर तक पनपासारे नाते रिश्ते तोड़े  बिना डरे क्षुधा फिर भी नहीं...