लता मंगेशकर पर कविता

लता मंगेशकर पर कविता

लता मंगेशकर पर कविता

कहाँ गई वो सुरों की मल्लिका

कहाँ गई वो सुरों की मल्लिका
कहाँ गई वो मधुर सी कोकिला
जिसके सुरों के जादू से सारा
हिंदूस्तां था फूलों सा खिला।

छेड़ती थी जब सुरों की तान
मंद -मुग्ध हो जाता हिन्दूस्तान
तेरे गुनगुनाएं गीतों से
ऊर्जा से भरता नौजवान।।

बस गई थी सभी के दिलों में
भारत की यह लाडली बेटी
तेरे गीतों को गा -गाकर
चलती थी कितनों की रोटी।।

जाते जाते न कोई संदेश
न पैगाम तेरा कोईं आया
खफा तो नही थी हमसे तुम
कोईं गीत भी न गुनगुनाया।।

तेरी जगह न कोईं ले पाया
न ही कोईं ले पाएगा
गाये गी जब गीत कोकिला
तेरा ही जिक्र जुबां मे आएगा।।

जगदीश कौर
प्रयागराज इलाहाबाद

मुक्तक – लता दीदी


सदा अपने गुरुजन की,
चरण की पादुका दीदी।
भारती माँ के चरणों की,
परम् आराधिका दीदी।
जगत में है नहीं कोई,
लता को जो नहीं जाने।
रही संगीत में अर्पित,
सुरों की साधिका दीदी।
★★★★★★★★★★
डिजेन्द्र कुर्रे”कोहिनूर”✍️

लता मंगेशकर अमर रहे

सुरों की मल्लिका, साक्षात सरस्वती,
मधुर गुंजन से, भर उठी सारी धरती,
मानव, पशु पक्षी, वृक्ष लता, सरिता,
पर्वत, सागर, झरना, सर्वत्र है गूंजती,
लता दीदी का गायन और सधा हुआ सुर,
करते रहे हैं श्रवण, नर किन्नर देव असुर!
उनकी आवाज़ की खनक, सदा बहार है,
कानों में गूंजती हैं जैसे वीणा के तार हैं।
अनेक भाषाओं में दीदी ने गाने गाए हैं
हर किसी के दिल में, आस जगाए हैं।
शास्त्रीय संगीत, आधुनिक युग के गीत,
दक्षता में कोई कसर नहीं होती प्रतीत ।
ऐसी सुर साधिका को , हम नमन कर रहे,
देश दुनिया में, लता मंगेशकर अमर रहे!


पद्म मुख पंडा ग्राम महा पल्ली जिला रायगढ़ छत्तीसगढ़

मल्लिका-ए-आवाज़

अद्भुत-अदम्य,सुर-सरगम की एक रानी,
सुनाता है”अकिल”उनकी आज कहानी।
जन्म लिए हिंदुस्तान के मध्य प्रदेश में,
संगीत की साधिका बनी,हमारे देश में।
नाम है,आद.लता मंगेशकर जी”स्वर-कोकिला”,
पिता जी से संगीत का दीदी को है “वर” मिला।
बालपन से ही संगीत का किया आगाज,
लता मंगेशकर जी हैं,मल्लिका-ए-आवाज़।

संगीत,दीदी को विरासत में मिला था तोहफा,
गीत के माध्यम से भारत से करती थी वफा।
मिठी आवाज,कुछ ऐसा था उनका अंदाज,
लता मंगेशकर जी है,मल्लिका-ए-आवाज़।

मेहनत के दम-पर,पुरस्कार जीते हैं कई बार,
लता जी,पार्श्व-गायिका,गीत गाए हैं 30हजार।
“ए मेरे वतन के लोगों”,गीतों का है सरताज,
लता मंगेशकर जी हैं,मल्लिका-ए-आवाज़।

लता जी,के आवाज का कुछ ऐसा है जादू,
सुनकर आनंदित होंवे हर कोई,संत-साधु।
पूरी दुनिया करती है उनके गानों पर नाज,
लता मंगेशकर जी हैं,मल्लिका-ए-आवाज़।

“भारत रत्न” का जब दीदी को सम्मान मिला,
दीदी के मुख पर न मिटने वाला मुस्कान खिला।
6फरवरी2022 को दीदी जी का हुआ निधन,
शोकाकुल है हर जनमानस दुःखी है हर-मन।
लता मंगेशकर जी,हर चेहरे पर गम दे-चली,
स्व.लता मंगेशकर जी को विनम्र श्रद्धांजलि।
स्वर से अपने पूरे विश्व में जो करती है राज,
लता मंगेशकर जी हैं,मल्लिका-ए-आवाज़।

अकिल खान,रायगढ़. जिला-रायगढ़(छ.ग.)

भारतरत्न स्वरकोकिला लता मंगेशकर जी पर दोहे

स्वर साम्राज्ञी कोकिला,चल दी प्रभु के धाम।
गिरी यवनिका मंच पर, लता कथा विश्राम।।

मृदुभाषी ममतामयी, अद्भुत थी आवाज।
जीवन में थी सादगी, अमर हो गई आज।।

अश्रुपूर्ण माँ भारती, दुखी हुआ जन आज।
स्तब्ध हुआ पूरा जगत,कृतज्ञ राष्ट्र समाज।।

लता न केवल नाम है, है पूरा संगीत।
अमर हो गई आज वह,यही जगत की रीत।।

सदियों तक चलता रहे, गीतों में वह नाम।
स्वर की देवी साधिका,शत शत करें प्रणाम।।

*©डॉ नवल किशोर सेठी*

No comments yet

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *