राम का आना /अजय विश्वकर्मा

राम/श्रीराम/श्रीरामचन्द्ररामायण के अनुसार,रानी कौशल्या के सबसे बड़े पुत्र, सीता के पति व लक्ष्मणभरत तथा शत्रुघ्न के भ्राता थे। हनुमान उनके परम भक्त है। लंका के राजा रावण का वध उन्होंने ही किया था। उनकी प्रतिष्ठा मर्यादा पुरुषोत्तम के रूप में है क्योंकि उन्होंने मर्यादा के पालन के लिए राज्य, मित्र, माता-पिता तक का त्याग किया।

shri ram hindi poem.j

राम का आना /अजय विश्वकर्मा

बालक रूप में राम का आना,
सतयुग में धरती का उद्धार कराना।
अधर्मी निशाचरों का पाप मिटाया,
संत महात्माओं का कल्याण कराया।


अयोध्या के इक्ष्वाकुवंश का मान बढाया,
संसार को मर्यादा का पाठ पढ़ाया ।
श्रापित शिला बनी अहिल्या को मोक्ष दिलाया,
निर्दोष पतिव्रता सती का कलंक मिटाया।


जातपात ऊंच-नीच का भेद हटाया,
सभी जीवों को अपना संबंधी बनाया।
लंका चढ़ाई कर जानकी को छुड़ा लाए ,
अहंकारी अंधे दशानन का आतंक मिटाए।


हे कमलनयन इस कलियुग में आए,
मानवजाति को दुराचारियों से बचाएँ ।
चांद सी शीतलता, कोमलता, उदारता,

प्रेमलता आपको प्राप्त हो ।

आप पर हो धन की वर्षा सुख समृद्धि

इस शरद पूर्णिमा की रात को ।

प्रभु आप पर सोमरस अमृत बरसाए ,

अपने जीवन में सर्वदा आप सुख ही सुख पाये।

मैं आपकी सेवा करूं तन, मन और धन से

ऐसा दुर्लभ क्षण मुझे प्राप्त हो।

Leave a Comment