CLICK & SUPPORT

सखी वो मुझसे कह कर जाते

सखी वो मुझसे कह कर जाते

HINDI KAVITA || हिंदी कविता
HINDI KAVITA || हिंदी कविता

नैनन मेरे नीर भर गये
हृदय किया आशंकित है
गये होगें जिस मार्ग पे चलके
उस पथ उनके पग अंकित है
जाना ही था जब प्रियतम को
थोडी देर तो रह कर जाते !!१!!
*सखी वो मुझसे*……………..

भोर भयी जब देखा मुडकर
प्रियतम सेज दिखे ना हमें
हृदय हुआ जो पीडित उस क्षण
कहूँ वो कैसे व्यथा तुम्हें
सह लेती हर तडपन पर यूँ
प्रियतम ना मुझको छल कर जाते !!२!!
*सखी वो मुझसे*…………..

कैसे तुमने सोचा प्रियतम
पथ की तेरे मैं बाधक थी
जरा देर को मिलते मुझसे मैं
तेरे मार्ग की साधक थी
तुम्हें मुक्त मै करती खुद से,
मैल हृदय से धुलकर जाते !!३!!
*सखी वो मुझसे*…………….

शिवांगी मिश्रा

CLICK & SUPPORT

You might also like