साल पर कविता

साल ही तो है

कुछ को होगी ख़ुशी, कोई ग़म से भर जाएगा
न जाने ये नया साल भी, क्या कुछ कर जाएगा

कुछ अरमान होंगे पूरी इसमें उम्मीद है हमें
और कुछ इस साल कि तरह ख़ुद में मर जाएगा

टूटा है गर मोहब्बत तो, हो ही जाएगा दोबारा
बस देखो एहतियातन वहाँ तज जहाँ तक नज़र जाएगा

कुछ ना हुआ अच्छा तो उदास मत होना मेरे यारों
साल ही तो है बारह महीनों में फिर गुज़र जाएगा

– दीपक नायक “राज़” 

कविता बहार

"कविता बहार" हिंदी कविता का लिखित संग्रह [ Collection of Hindi poems] है। जिसे भावी पीढ़ियों के लिए अमूल्य निधि के रूप में संजोया जा रहा है। कवियों के नाम, प्रतिष्ठा बनाये रखने के लिए कविता बहार प्रतिबद्ध है।

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