doha sangrah

संविधान दिवस को समर्पित दोहे

संविधान दिवस को समर्पित दोहे

संविधान में लिख गए, तभी मिले अधिकार।
बाबा साहब आप को, नमन करें शत बार।।

संविधान ने ही दिया, मान और सम्मान।
वरना तो हम थे सभी,खुशियों से अनजान।।

संविधान से ही मिला, जीवन का अधिकार।
वरना तो खाते रहे, वर्णाश्रम की मार।।

छुआछूत भी कम हुआ, शुद्र हुए आजाद।
जात-पात को खत्म कर,किए सभी आबाद।।

महिलाओं का मान हो, संविधान में लेख।
पदासीन ये आज हैं,कितनी महिला देख।।

उपासना का हक दिया,रखा सभी का मान।
उदारता से कर दिया,भारत देश महान।।

संविधान से हैसियत, वरना थे हम दास।
संविधान दिन है बना,बाकि दिनों से खास।।

आम आदमी को मिली, राजभवन की राह।
पैदा रानी पेट से, होता था तब शाह।।

दीप जला के लो मना, घड़ी खुशी की आज।
आज थिरक बहुजन रहा,बजे भीम का साज।।

“सिल्ला” भी है पढ़ रहा, संविधान को रोज।
मान और सम्मान मिला, करता देखो मौज।।

-विनोद सिल्ला

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