संगीत का दीवाना -अकिल खान

संगीत का दीवाना


जब मन हो उदास तो, तुम सुन लेना संगीत,
अपने हताश मन में खुशी कर लेना अंकित।
खाली है जीवन तो भरलो संगीत का खजाना,
यही है समझाना हर कोई , संगीत का दीवाना।

विचलित हो जीवन तो संगीत काम आए,
गम सारे भाग जाऐ जब कोई संगीत सुनाऐ।
संगीत से है जीवन और संगीत से है जमाना,
यही है समझाना हर कोई, संगीत का दीवाना।

संगीत से मिलें सबको प्रेम का संदेश,
हास्य – व्यंग्य की धुन से दूर होता क्लेश।
शौर्य – वीरता की धुन से बंधा अपना देश,
सुनकर जिसे मंत्र – मुग्ध हो चाहे रंक या नरेश।
संगीत से जल उठे तानसेन का दीपक हमने है जाना,
यही है समझाना हर कोई , संगीत का दीवाना।

निर्जन हो या हो भीड़ में हर कोई लेता इसका मजा,
नाचते खोकर सुध-बुध और बोलते फिर से बजा।
शत्रुता को मिटाकर सबको है अपना बनाना,
यही है समझाना हर कोई , संगीत का दीवाना।

संगीत में अरमान खुशी ,संगीत में है सारा जहाँ,
छोड़के इस खुबसूरत पल को जाऊँ मैं अब कहाँ।
जो दिल को दे सुकून , वो संगीत जरा सुनाना,
यही है समझाना हर कोई , संगीत का दीवाना।



अकिल खान रायगढ़ जिला – रायगढ़ (छ.ग.) पिन – 496440.

कविता बहार

"कविता बहार" हिंदी कविता का लिखित संग्रह [ Collection of Hindi poems] है। जिसे भावी पीढ़ियों के लिए अमूल्य निधि के रूप में संजोया जा रहा है। कवियों के नाम, प्रतिष्ठा बनाये रखने के लिए कविता बहार प्रतिबद्ध है।

This Post Has 0 Comments

  1. Jitendra Kumar

    Very nice awesome 👌

  2. Sanjay kante

    Very nice poem
    Khan bhai jaan

  3. Sambhunath saral

    Nice

  4. VIJAY kumar

    सानदार आप संगीत के दीवाने है हम आपके साहित्य के दीवाने हो गए बहुत बढ़िया सर जी

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