शहीद दिवस पर श्रद्धांजलि – राकेश सक्सेना
बापू तुम जब चले गये,
पीछे बहुत बवाल हुआ।
आजादी के बाद देश में,
रह रह कर सवाल हुआ।।
हे बापू तुमने क्या किया?
हे बापू तुमने क्या किया?
सूत काता, चरखा चलाया,
खादी पहन देशी अपनाया।
नमक आंदोलन, डांडी यात्रा,
अनशन कर फिरंगी भगाया।।
स्वदेशी का आगाज़ कर,
विदेशियों को हड़काया।
त्याग, तपस्या, बलिदान से,
जन जन में जोश जगाया।।
असंख्य वीर शहीद हुए,
फिरंगी तब भयभीत हुए।
वीरांगनाओं ने मोर्चा खोला,
अंग्रेजों का तख्ता डोला।।
इतने त्याग बलिदान के बाद,
भारत देश आजाद हुआ।
आजादी के बाद देश में,
रह रह कर ये सवाल हुआ।।
सत्य, अहिंसा के पुजारी,
बापू से ही सवाल किया,
हे बापू तुमने क्या किया?
हे बापू तुमने क्या किया?
राकेश सक्सेना, “सगुन” बून्दी