प्रस्तुत कविता शिव शक्ति पर आधारित है। वह त्रिदेवों में एक देव हैं। इन्हें देवों के देव महादेव, भोलेनाथ, शंकर, महेश, रुद्र, नीलकंठ, गंगाधार आदि नामों से भी जाना जाता है।
शिव-शक्ति पर कविता
शिव शक्ति का रूप है
शक्ति बड़ी अनूप है
कहते भोले भंडारी
शिव को मनाइए।।1।।
शीश पर गंग धारे
भक्तों के कष्ट उबारे
मृत्युंजय महाकाल
मृत्यु से उबारिए।।2।।
जटाजूट मुंडमाला
सर्पहार गले डाला
गिरिप्रिय गिरिधन्वा
भवसागर तारिये।।3।।
नंदी की करे सवारी
शिव है पिनाकधारी
शशिशेखर श्रीकंठ
दरस दिखाइए ।।4।।
अर्द्धनारीश्वर रूप
शिव सुंदर स्वरूप
भगवान पुराराति
कृपा बरसाइये।।5।।
चंद्रशेखर कामारि
रुद्र त्रिपुरान्तकारि
विश्वेश्वर सदाशिव
पास में बुलाइए।।6।।
हलाहल पान करे
अमृत का दान करे
गिरीश कपालधारी
दुर्गुण हटाइये।।7।।
त्रिनेत्र शिवशंकर
शाश्वतअभयंकर
अष्टमूर्ति शिव भोले
अभय दिलाइये।।8।।
©डॉ एन के सेठी
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