19 नवम्बर झाँसी की रानी लक्ष्मी बाई पुण्यतिथि पर कविता

खूब लड़ी मरदानी ● सुभद्राकुमारी चौहान बुंदेले हरबोलों के मुँह हमने सुनी कहानी थी, खूब लड़ी मरदानी वह तो झाँसीवाली रानी थी। सिंहासन हिल उठे, राजवंशों ने भृकुटी तानी थी, बूढ़े भारत में भी आई, फिर से नई जवानी थी, गुमी हुई आजादी की कीमत सबने पहचानी थी, दूर फिरंगी को करने की, सबने मन … Read more