कारगिल विजय दिवस पर कविता (16 दिसम्बर)

आज सिंधु में ज्वार उठा है अटल बिहारी वाजपेयी आज सिंधु में ज्वार उठा है, नगपति फिर ललकार उठा है, कुरुक्षेत्र के कण-कण से फिर, पांचजन्य हुंकार उठा है। शत-शत आघातों को सहकर, जीवित हिंदुस्तान हमारा, जग के मस्तक पर रोली-सा, शोभित हिंदुस्तान हमारा । दुनिया का इतिहास पूछता, रोम कहाँ, यूनान कहाँ है ? … Read more

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कारगिल के वीर जवान

शहीदों पर कविता

भारत के वीर सैनिकों का गुणगान।

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मीत देश वंदन की ख्वाहिश

tiranga

मीत देश वंदन की ख्वाहिश धरती पर पानी जब बरसेमनभावों की नदियाँ हरषे।नमन् शहीदों को ही करलें,छोड़ो सुजन पुरानी खारिश।मीत देश वंदन की ख्वाहिश। आज नेत्र आँसू गागर है,यादें करगिल से सागर है।वतन हितैषी फौजी टोली,कर्गिल घाटी नेहिल बारिश,मीत देश वंदन की ख्वाहिश। आतंकी हमलों को रोकें,अंदर के घपलों को झोंके।धर्म-कर्म अनुबंध मिटा कर,जाति धर्म … Read more

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