सेवा पर कविता

सेवा पर कविता

सेवा पर कविता – मानक छत्तीसगढ़िया ठंडी में गरीब को कपड़े दे दो,गर्मी में प्यासे को पानी।हर मौसम असहाय की सेवा,ऐसे बीते जवानी।। अशिक्षित को शिक्षित बना दो,कमजोर को बलशाली।भटके को सच राह दिखा दो,भीखारी को भी दानी।। दीन दुखियों को खुशियां दे दो,रोते को हंसी सारी।रोगी को आराम दिला दो,हो ऐसा कर्म कहानी।। प्रेम … Read more

Loading