सुखद जीवन का सर्वोत्तम आहार/ चन्द्रकांत खुंटे ‘क्रांति’
सुखद जीवन का सर्वोत्तम आहार/ चन्द्रकांत खुंटे ‘क्रांति’ मनुज जन्म हुआ अहिंसकपशु सरिस घूम रहे हिंसकभर-भर करते माँस भक्षणइसके मिलते अनेक लक्षणएक लक्षण नयन का है जन्म लेते पलक शयन का है। नरेतर का खुलते अष्ट दिवस मेंअशक्त को करते जो वश में। अम्बु को पीते मुँह लगाकरहिंसक पीते जीभ लप-लपाकर। अहिंस्र रखते लघु करकंटकमूढ़ … Read more