तुलसी जयंती पर कविता: सावन माह के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को तुलसीदास जयंती मनाई जाती है। इस वर्ष तुलसीदास जयंती 23 अगस्त यानि आज है। तुलसीदास जी ने हिंदू महाकाव्य रामचरितमानस, हनुमान चालीसा सहित ग्रंथ ग्रंथों की रचनाएं और अपना पुरा जीवन श्रीराम की भक्ति और साधना में उपदेश दिया
पूज्य गोस्वामी तुम्हारी लेखनी को
o आचार्य मायाराम ‘पतंग’
पूज्य गोस्वामी तुम्हारी लेखनी को शत नमन ।
रक्त देकर धर्म संस्कृति का खिलाया है चमन ॥
थी अजब गहरी उदासी वृक्ष तक सूखे जहाँ ।
शेष पत्ती तक नहीं थी, फूल फल और रस कहाँ ?
सींचकर मानस सलिल से कर दिए कुसुमित सुमन ।
पूज्य गोस्वामी तुम्हारी लेखनी को शत नमन ।।
धर्म पर छाई मलिनता हर कदम पाखंड थे
बोलियाँ सबकी अलग थी शाख पर खगवृंद थे।
कर दिया सब का समन्वय संप्रदायों का मिलन ।
पूज्य गोस्वामी तुम्हारी लेखनी को शत नमन ।।
थीं सिसकती आस्थाएँ जब कला दम तोड़ती।
तब लिखी श्रीराम गाथा सुखद कड़ियाँ जोड़ती ।
हर समस्या का दिया हल, हर दिशा चमकी किरण ।
पूज्य गोस्वामी तुम्हारी लेखनी को शत नमन |
देव भाषा की जगह जन भाव जन भाषा चुनी ।
सोरठों चौपाइयों दोहों सुछंदों में बुनी ।
लोक मर्यादा सँवारी गा अलौकिक आचरण ।
पूज्य गोस्वामी तुम्हारी लेखनी को शत नमन ॥
शत युगों तक भी नहीं तुलसी भुलाए जाएँगे।
रामजी जब तक रहेंगे याद तुलसी आएँगे ।
भक्त का भगवान् से ऐसा अमर अनुपम मिलन।
पूज्य गोस्वामी तुम्हारो लेखनी को शत नमन ॥