Tag: #नील सुनील

  • ग़ज़ल – रात भर बैठ कर

    ग़ज़ल – रात भर बैठ कर

    घात काटी गई रात भर बैठ कर ।
    याद काटी गई रात भर बैठ कर ।।

    इश्क पर बंदिशें साल दर साल की। 
    म्यांद काटी गई रात भर बैठ कर ।।

    हिज्र की रात में, आपकी याद में। 
    रात काटी गई रात भर बैठ कर ।।

    बोलना था हमें बोलना था तुम्हें। 
    बात काटी गई रात भर बैठ कर ।।

    नील हूँ मैं तिरा तू है जोया मिरी।
    जात काटी गई रात भर बैठ कर ।।

    ✍️नील सुनील