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  • Haathi par kavita : 5 बेहतरीन हाथी पर कविताएँ

    “हाथी पर कविता” पढ़ें और जानें इस अद्भुत प्राणी की महानता को। हाथी की कविताओं से प्रेरणा और ज्ञान पाएं।

    हाथी, हमारे ग्रह का एक अनोखा और शक्तिशाली प्राणी है जो अपनी विशालता, समझदारी, और सामाजिकता के लिए प्रसिद्ध है। चाहे जंगल का राजा हो या किसी धार्मिक स्थल का प्रतीक, हाथी हमेशा से मानव सभ्यता में एक खास महत्व रखता आया है। आइए इस ब्लॉग पोस्ट में हम हाथियों की विशेषताओं, उनके महत्व और हमारे पर्यावरण में उनकी भूमिका पर नजर डालते हैं।

    5 बेहतरीन हाथी पर कविताएँ

    1) हाथी की सूंड

    “हाथी की सूंड में है बल,
    धरती को दे सके हलचल।
    बड़े प्यार से चलता हाथी,
    उसकी है गहरी आँखें और मस्ती।”

    2) जंगल का राजा हाथी

    “जंगल में चलता धीरे-धीरे,
    हाथी सबको करे प्रभावित फीके।
    पत्तों को खाए बड़े मजे से,
    सूंड से पानी पीता हंसी से।”

    3) हाथी का स्वाभिमान

    “हाथी चले तो धरती हिले,
    संग चलता उसका प्रेम भी मिले।
    शांत स्वभाव लेकिन बहुत समझदार,
    हाथी है प्रकृति का सच्चा उपहार।”

    हाथी आता झूम के

    हाथी आता झूम के,
    धरती मिट्टी चूम के,
    कान हिलाता पंखे जैसा,
    देखो मोटा ऊँचा कैसा ?
    सूँड हिलाता आता है,
    गन्ना पत्ती खाता है।
    हाथी के दो लंबे दाँत,
    सूँड़ बनी है इसके साथ।
    इससे ही यह लेता रोटी,
    आँखें इसकी छोटी-छोटी।

    हाथी पर कविता

    हाथी राजा, बड़े निराले,
    जंगल में रहते भोले-भाले।
    मोटे पैरों से चलते हैं,
    धरती को भी हिला देते हैं।

    लंबी सूंड उनकी खास बात,
    हर मुश्किल में आए साथ।
    पेड़ से पत्ते, जल की धार,
    सूंड़ में रखते अपने अधिकार।

    बड़े कान उनके पंख जैसे,
    हर आवाज सुनते वैसे।
    बच्चों संग करते हैं खेल,
    मस्ती में झूमते झील के मेल।

    हाथी बड़ा समझदार प्राणी,
    सभी का करता सम्मान निशानी।
    शक्ति और स्नेह का है प्रतीक,
    हाथी सदा बना रहे अद्वितीय।

    Haathi-par-kavita

    हाथी की विशेषताएं

    1. आकार और शक्ति
      हाथी दुनिया के सबसे बड़े स्थलीय स्तनधारी जीव हैं। उनकी लंबाई लगभग 10-12 फीट और वजन 5-6 टन तक हो सकता है। इतनी विशाल काया होने के बावजूद वे काफी शांत और समझदार होते हैं। उनके बड़े-बड़े कान, मोटे पैर, और लंबी सूंड उनकी खास पहचान है।
    2. सूंड़ का महत्व
      हाथी की सूंड एक अनोखा अंग है जो न केवल उसकी पहचान है, बल्कि उसे जीवित रहने में भी मदद करता है। इस सूंड का उपयोग वे पेड़ की पत्तियों को तोड़ने, पानी पीने, और यहां तक कि खुद को ठंडा रखने के लिए करते हैं। सूंड की अद्वितीय संरचना उन्हें भोजन और जल के लिए विभिन्न कार्यों में सक्षम बनाती है।
    3. संवेदनशील और समझदार
      हाथी अपने परिवार और झुंड के प्रति बेहद भावुक और संवेदनशील होते हैं। वे दुखी होने पर रो सकते हैं और अपने साथियों की मौत पर शोक भी मनाते हैं। हाथी की यह संवेदनशीलता उन्हें एक विशेष स्थान देती है।

    हाथी का पर्यावरण में योगदान

    हाथी को “प्रकृति के बगीचे के माली” के रूप में भी जाना जाता है। वे जंगल में चलने के दौरान नए पौधों को उगाने में मदद करते हैं। उनकी गतिविधियों से पेड़-पौधों के बीज एक जगह से दूसरी जगह फैल जाते हैं, जिससे पर्यावरण में हरियाली बनी रहती है। वे प्राकृतिक वनस्पति को संतुलित रखने में भी मदद करते हैं।

    भारत में हाथियों का महत्व

    भारतीय संस्कृति में हाथी को विशेष स्थान प्राप्त है। वह भगवान गणेश का प्रतीक हैं और उन्हें शुभता और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। इसके अलावा, धार्मिक त्योहारों में हाथियों का सजावट और शोभायात्रा में प्रमुखता से इस्तेमाल किया जाता है।

    हाथियों के सामने चुनौतियाँ

    आजकल हाथियों के सामने कई चुनौतियाँ हैं जैसे जंगलों की कटाई, अवैध शिकार, और उनके प्राकृतिक आवास का घटता क्षेत्र। इसके कारण हाथियों की संख्या में लगातार गिरावट आ रही है। हमें इस बारे में जागरूक होने और उनके संरक्षण के लिए कदम उठाने की आवश्यकता है।

    निष्कर्ष

    हाथी प्रकृति के अद्भुत जीव हैं जिनकी उपस्थिति हमारे पारिस्थितिकी तंत्र के संतुलन में महत्वपूर्ण योगदान देती है। उनकी रक्षा और संरक्षण न केवल हमारी जिम्मेदारी है, बल्कि यह प्रकृति के प्रति हमारे सम्मान को भी दर्शाता है। आइए हम सब मिलकर हाथियों के संरक्षण के लिए काम करें और इस महान जीव को आने वाली पीढ़ियों के लिए बचाए रखें।

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