तरी हरी नाना मोर नरी हरी नाना रे सुवाना

तरी हरी नाना मोर नरी हरी नाना तरी हरी नाना मोर नरी हरी नाना रे सुवाना। पिया ला सुना देबे मोर गाना तरी हरी नाना। बेर उथे फेर , बेरा जुड़ाथे, रातके मोरे नीदियां उड़ाथे, अतक मया, मय काबर करें जतक करें ओतक तरसाथे। डाहर बैरी के देखत सुवाना जान डारिस सारा जमाना। तरी हरी … Read more

छत्तीसगढ़ मैया पर कविता -श्रीमती शशिकला कठोलिया,

छत्तीसगढ़ मैया पर कविता जय हो जय हो छत्तीसगढ़ मैया,सुन लोग हो जाते स्तंभित,राष्ट्रगान सा स्वर है गुजँता,छत्तीसगढ़ का यह राज गीत,नरेंद्र देव वर्मा की अमर रचना,है उसकी आत्मा की संगीत,छत्तीसगढ़िया को बांधे रखता ,यह पावन सुंदर सा गीत ,धरती का शुभ भावों से सिंगार कर,छत्तीसगढ़ माटी का बढ़ाया गौरव,गीत में साकार हो उठता ,समूचे … Read more

छत्तीसगढ़ महतारी पर कविता

सुघ्घर हाबय हमर छत्तीसगढ़ महतारी-पुनीत राम सूर्यवंशी जी (chhattisgarh mahtari)

मोर मया के माटी-राजेश पान्डेय वत्स

मोर मया के माटी छत्तीसगढ़ के माटीअऊ ओकर धुर्रा। तीन करोड़ मनखेसब्बौ ओकर टुरी टुरा।।  धान के बटकी कहाय,छत्तीसगढ़ महतारी। अड़बड़ भाग हमर संगीजन्में येकरेच दुआरी।।  एकर तरपांव धोवय बरआइन पैरी अरपा। महानदी गंगा जईसनखेत म भरथे करपा।।  मया के बोली सुनबे सुघ्घरछत्तीसगढ़ म जब आबे। अही म जनमबे वत्स तैं, मनखे तन जब पाबे।।  —-राजेश … Read more

छत्तीसगढ़ राज्य स्थापना दिवस पर कविता

छत्तीसगढ़ राज्य स्थापना दिवस पर कविता चलो नवा सुरुज परघाना हे छत्तीसगढ़ राज्य पायेहनचलो नवा सुरुज परघाना हे !भारत माता के टिकली सहिक….छत्तीसगढ़ ल चमकाना हे !! जेन सपना ले के राज बने हेसाकार हमला करना हे!दिन -दुगनी ,रात -चौगुनीआगे -आगे बढ़ना हे !सरग असन ये भुईया ल….चक- चक ले चमकाना हे!! मिसरी असन भाखा … Read more