शरद पूर्णिमा / स्वपन बोस बेगाना

शरद पूर्णिमा पर कविता

इस कविता में शरद पूर्णिमा की चांदनी रात को अद्वितीय सौंदर्य और गहरे भावनात्मक जुड़ाव से जोड़ा गया है। चंद्रमा की रोशनी प्रियसी के मिलन की प्रतीक्षा को दर्शाती है, जबकि मानव जीवन में भगवान से दूर होने की पीड़ा और अनिश्चितता की झलक दिखाई देती है। कविता में नायक शरद पूर्णिमा की रात को … Read more

शरद पूर्णिमा / डॉ. मनोरमा चन्द्रा ‘रमा’

शरद पूर्णिमा पर कविता

शरद पूर्णिमा हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण त्यौहार है, जिसे भारत के विभिन्न भागों में बड़े उल्लास के साथ मनाया जाता है। इसे कोजागरी पूर्णिमा या रास पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है। शरद पूर्णिमा अश्विन महीने  की पूर्णिमा को मनाई जाती है और इसे विशेष रूप से चंद्रमा से जुड़े धार्मिक और … Read more

शरद पूर्णिमा पर कुंडलिया छंद

शरद पूर्णिमा पर कुंडलिया छंद 1—- उज्ज्वल- उज्ज्वल है धरा,चंद्र -किरण बरसात । चाँद गगन से झाँकता ,रूप मनोहर गात।। रूप मनोहर गात ,रजत सम बहती धारा। लिए शरद सौगात ,चंद्र का रूप निखारा।। कहे सुधा सुन मीत , प्रीत है मन का प्राँजल।  सजे पुनों की रात ,धरा है उज्ज्वल उज्ज्वल।। 2— छम-छम बजती … Read more