शरद पूर्णिमा / स्वपन बोस बेगाना
इस कविता में शरद पूर्णिमा की चांदनी रात को अद्वितीय सौंदर्य और गहरे भावनात्मक जुड़ाव से जोड़ा गया है। चंद्रमा की रोशनी प्रियसी के मिलन की प्रतीक्षा को दर्शाती है, जबकि मानव जीवन में भगवान से दूर होने की पीड़ा और अनिश्चितता की झलक दिखाई देती है। कविता में नायक शरद पूर्णिमा की रात को … Read more