मां का स्पर्श -सुशी सक्सेना
मां का स्पर्श -सुशी सक्सेना न दवा काम आई, और न दुआ काम आईजब भी जरूरत पड़ी तो, मां काम आईमां का स्पर्श होता है, एक दवा की तरहजिसके मिलते ही मिट जाते हैं सारे ज़ख्ममां का स्पर्श होता है, उस दुआ की तरहजिसके लगते ही दूर हो जाते हैं सारे ग़म जो बरसता है … Read more