1 मई अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस हिंदी कविता
1 मई, या मई में पहला सोमवार, कई देशों में राष्ट्रीय सार्वजनिक अवकाश होता है , ज्यादातर मामलों में “अंतर्राष्ट्रीय श्रमिक दिवस” या इसी तरह के नाम के रूप में। कुछ देश अपने लिए महत्वपूर्ण अन्य तिथियों पर मजदूर दिवस मनाते हैं
श्रम श्वेद- बाबूलाल शर्मा (ताटंक छंद)
ताटंक छंद ~विधान :- १६, १४ मात्राभारदो दो चरण ~ समतुकांत,चार चरण का ~ छंदतुकांत में गुरु गुरु गुरु,२२२ हो। श्रम श्वेद- बाबूलाल शर्मा (ताटंक छंद) बने नींव की ईंट श्रमी जो,गिरा श्वेद मीनारों में।स्वप्न अश्रु मिलकर गारे में।चुने गये दीवारों में।श्वेद नींव में दीवारों में,होता मिला दुकानों में।महल किले आवास सभी के,रहता मिला मकानों … Read more
मैं मजदूर कहलाता हूँ
मैं मजदूर कहलाता हूँ कंधे पर मैं बोझ उठाकर,काम सफल कर जाता हूँ।निज पैरों पर चलने वाला,मैं मजदूर कहाता हूँ।★★★★★★★★★नहीं काम से डरा कभी मैं,हरदम आगे चलता हूँ।दुनिया को रौशन करने को,दीपक जैसे जलता हूँ।रोक नहीं कोई पाता,है,जब अपने पर आता हूँ।निज पैरों पर चलने वाला,मैं मजदूर कहाता हूँ।★★★★★★★★★नदियों पर मैं बाँध बनाता,मैं ही रेल … Read more
श्रमिक-विकास की बुनियाद पर कविता
श्रमिक-विकास की बुनियाद पर कविता सूरज की पहली किरण से काम पर लग जाता हूँ।ढलते सूरज की किरणों संग वापस घर को आता हूँ।अपने घर परिवार के लिए,शरीर की चिंता छोड़ मैं।हवा,पानी,धूप,छांह को हँसकर सह जाता हूँ।।1।। नव निर्माण,नव विहान की शुरुआत हूँ मैं।देश के विकास की पहली ईंट बुनियाद हूँ मैं।सोचता हूँ गढ़ रहा … Read more
परिश्रम पर कविता
परिश्रम पर कविता वो मेहनतकशकरता रहा कड़ा परिश्रमफिर भी रहा अभावग्रस्तउसके श्रमफल परकरते रहे अय्याशीपूंजीपतिधर्म के नाम परकरते रहे शोषणधर्म के ठेकेदारसमानता के नाम परबटोरते रहे वोटकुटिल सियासतदानमेहनतकश के हालातरहे जस के तसजबकि उसके हक मेंलगते रहे नारेबनते रहे संगठनहोती रही राजनीतिआज तलक -विनोद सिल्ला©
हे धरती के भगवान
हे धरती के भगवान हो तुम आसाधारण,तेरे कांधों पर दुनिया टिका है,तेरे खून के कतरे से ही ,ये पावन धरती भिंगा है !!हे धरती के भगवान ,तु है बड़ा महान !! ऊसर भूमि उपजाऊ कर देता,कठोरता खुद हर लेता ,नित नव जुनून कुछ करने का ,कभी न सोचा स्वयं रखने का ,कमा-कमा कर तू रे … Read more