संयुक्त राष्ट्र संघ दिवस पर कविता

manibhai

संयुक्त राष्ट्र संघ दिवस पर कविता जन्म जनवरी दस को इक दिन,राष्ट्र संघ बन जाता है।शांति राह में चलने को ही,अपना कदम बढाता है।। विश्वयुद्ध भड़काने वाले,लालच रख कर डोले थे।साम्राज्य बढ़ाने उत्साहित,दुनिया से भी बोले थे।। गुप्त संधि करके रखते थे,झगड़े खूब बढ़ाने को।मित्र राष्ट्र सब के सब साथी,लड़ने और लड़ाने को।। विश्वयुद्ध दुनिया … Read more

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संयुक्त राष्ट्र दिवस पर कविता-अरुणा डोगरा शर्मा

संयुक्त राष्ट्र दिवस पर कविता मैं पृथ्वी,सुनाती हूं अपनी जुबानी साफ जल, थल, वायु से,साफ था मेरा जीवमंडल।मानव ने किया तिरस्कार,बर्बरता से तोड़ा मेरा कमंडल।दूषित किया जल, थल, वायु को की अपनी मनमानी ।मैं पृथ्वी,सुनाती हूं अपनी जुबानी। उत्सर्जन जहरीली गैसों का, औद्योगिकरण का गंदा पानी, वन नाशन,अपकर्ष धरा का निरंतर बढा़ता चला गया।ऋषियो, मुनियों ने माना था,मुझे कुदरत का … Read more

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