निर्लज्ज कामदेव
निर्लज्ज कामदेव ओ निर्लज्ज कामदेवतू न अवसर देखता है,न परिस्थितियाँन जाति देखता है, न आयुन सामाजिक स्तरयहाँ तक कि, कभी कभीतो रिश्ता भी नहीं देखतादेशों की सीमाएं ,तेरे लियेकोई मायने…
यहाँ पर हिन्दी कवि/ कवयित्री आदर०डॉoआभा माथुर के हिंदी कविताओं का संकलन किया गया है . आप कविता बहार शब्दों का श्रृंगार हिंदी कविताओं का संग्रह में लेखक के रूप में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका अदा किये हैं .
निर्लज्ज कामदेव ओ निर्लज्ज कामदेवतू न अवसर देखता है,न परिस्थितियाँन जाति देखता है, न आयुन सामाजिक स्तरयहाँ तक कि, कभी कभीतो रिश्ता भी नहीं देखतादेशों की सीमाएं ,तेरे लियेकोई मायने…