Tag Hindi Poem on Dattatreya Jayanti

अगहन शुक्ल पूर्णिमा दत्तात्रेय जयन्ती || Aghan Shukla Poornima Dattatreya Jayanti
दत्तात्रेय जयन्ती प्रतिवर्ष मार्गशीर्ष मास की पौर्णमासी तिथि को मनाई जाती है। भारत में धार्मिक व्रतों का सर्वव्यापी प्रचार रहा है। यह हिन्दू धर्म ग्रंथों में उल्लिखित हिन्दू धर्म का एक व्रत संस्कार है। दत्तात्रेय के संबंध में यह माना जाता है कि इनके तीन सिर और छ: भुजाएँ हैं। भगवान विष्णु के अंश से इनकी उत्पत्ति मानी जाती है। दत्तात्रेय जयन्ती के दिन दत्तात्रेय जी के बालरुप की पूजा की जाती है।

भगवान सहस्त्रबाहु अर्जुन

भगवान सहस्त्रबाहु अर्जुन कार्तिक मास शुक्ल सप्तमी को हुआ सहस्त्रबाहु का अवतरण।राजराजेश्वर,कार्तवीर्य,सहस्त्रार्जुन नाम,दशानन आया शरण।महाराज हैहय की दसवीं पीढ़ी में माता पद्मिनी के थे संतान।सुदशेन,चक्रावतार,सप्तद्रवीपाधि,दशग्रीविजयी थे कृतवीर्यनन्दन।1।चंद्रवंशी महाराजा कृतवीर्य के थे परमवीर चक्रवर्ती एकमात्र संतान।दत्तात्रेय से हजार हाथ का वरदान…