Tag #अनिल कुमार गुप्ता “अंजुम”

यहाँ पर हिन्दी कवि/ कवयित्री आदर०अनिल कुमार गुप्ता “अंजुम” के हिंदी कविताओं का संकलन किया गया है . आप कविता बहार शब्दों का श्रृंगार हिंदी कविताओं का संग्रह में लेखक के रूप में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका अदा किये हैं .

प्यार की बोली का, प्यार से जवाब दो- कविता – मौलिक रचना – अनिल कुमार गुप्ता “अंजुम”

इस रचना के माध्यम से कवि लोगों को मुहब्बत से मिलजुलकर रहने को प्रोत्साहित कर रहा है |
प्यार की बोली का, प्यार से जवाब दो- कविता - मौलिक रचना - अनिल कुमार गुप्ता "अंजुम"

जीवन – कविता – मौलिक रचना – अनिल कुमार गुप्ता “अंजुम”

इस कविता में जीवन के उतार चढ़ाव के बावजूद स्वयं को किस तरह से अपने उद्देश्यों की प्राप्ति हेतु आगे बढ़ना है के लिए प्रेरित किया गया है |
जीवन - कविता - मौलिक रचना - अनिल कुमार गुप्ता "अंजुम"

मानव मन- कविता – मौलिक रचना – अनिल कुमार गुप्ता “अंजुम”

इस कविता के माध्यम से मानव मन को उड़ने के लिए प्रेरित किया गया है और उसे अपनी मंजिल तक पहुँचाने तक बढ़ते रहने को प्रेरित किया गया है |
मानव मन- कविता - मौलिक रचना - अनिल कुमार गुप्ता "अंजुम"

बाबू की माया- कविता – मौलिक रचना – अनिल कुमार गुप्ता “अंजुम”

इस रचना को व्यंग्य के रूप में प्रस्तुत किया गया है | इसे केवल व्यंग्य की निगाह से देखें|
बाबू की माया- कविता - मौलिक रचना - अनिल कुमार गुप्ता "अंजुम"

तुम न छेड़ो कोई बात – कविता – मौलिक रचना – अनिल कुमार गुप्ता “अंजुम”

इस कविता के माध्यम से मानव को सही दिशा में बढ़ने के लिए प्रेरित किया गया है |
तुम न छेड़ो कोई बात - कविता - मौलिक रचना - अनिल कुमार गुप्ता "अंजुम"

शुभ दीवाली आई है- कविता – मौलिक रचना – अनिल कुमार गुप्ता “अंजुम”

इस कविता के माध्यम से दीवाली जैसे पावन त्यौहार की गरिमा का वर्णन किया गया है |
शुभ दीवाली आई है- कविता - मौलिक रचना - अनिल कुमार गुप्ता "अंजुम"

धरती माँ- कविता – मौलिक रचना – अनिल कुमार गुप्ता “अंजुम”

इस रचना में धरती माँ के साथ हुए अत्याचार का विवरण मिलता है | साथ ही लोगों को धरती माँ की सेवा हेतु प्रेरित करने का प्रयास किया गया है |
धरती माँ- कविता - मौलिक रचना - अनिल कुमार गुप्ता "अंजुम"

आओ मिल प्रण करें हम- कविता – मौलिक रचना – अनिल कुमार गुप्ता “अंजुम”

इस रचना में कवि जीवन में कुछ आदर्श स्थापित करने के लिए प्रेरित कर रहा है जिससे जीवन को एक सही दिशा मिल सके |
आओ मिल प्रण करें हम- कविता - मौलिक रचना - अनिल कुमार गुप्ता "अंजुम"

अनैतिकता के पाताल के गर्त में- कविता – मौलिक रचना – अनिल कुमार गुप्ता “अंजुम”

इस रचना के माध्यम से कवि जीवन को एक दिशा की ओर ले जाना चाहता है | जीवन में जो गलतियां की जाती हैं उनकी ओर भी पाठकों का ध्यान आकर्षित करने की कोशिश की गयी है |
अनैतिकता के पाताल के गर्त में- कविता - मौलिक रचना - अनिल कुमार गुप्ता "अंजुम"