गणेश वंदना – कविता – मौलिक रचना – अनिल कुमार गुप्ता “अंजुम”
जय गणेश गजबदन विनायक
एकदंत गणपति गणनायक
प्रथम पूज्य तुम देव हमारे
विघ्न हरो प्रभु करो सब काज हमारे
मूषक तुमको लगते प्यारे
लम्बोदर गौरी शिव के प्यारे
सबसे लाडले तुम मात पिता के
मंगलकर्ता गौरीसुत तुम
प्रथम पूज्य तुम लगते प्यारे
मोदक तुमको सबसे प्यारे
कष्ट हरो सब शिव के दुलारे
जब भी घन घन घंटा बाजे
मूषक पर तुम दौड़ के आते
जय लम्बोदर जय एकदंत
जय गणपति जय गौरीसुत
जय गजानन जय विघ्नेश
ख़त्म हैं करते सारे क्लेश
जय गजबदन जय विनायक
जय विघ्नहर्ता जय मंगलकर्ता
जय गणेश जय जय गणेश |