यहाँ पर हिन्दी कवि/ कवयित्री आदर०अशोक शर्माके हिंदी कविताओं का संकलन किया गया है . आप कविता बहार शब्दों का श्रृंगार हिंदी कविताओं का संग्रह में लेखक के रूप में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका अदा किये हैं .
सावन में भक्ति
सावन की रिमझिम फुहार के बीच संख व डमरू की आवाज मन की जड़ता को हिला देती है। एक नवीन प्रेरणा अन्तर्मन को ऊर्जान्वित करने लगती है। प्रकृति प्रेम सबसे बड़ी ईश्वर सेवा है।
कोशिश फिर से करते हैं
कोशिश फिर से करते हैं आओ एक कोशिश फिर से करते हैं,टूटी हुई शिला को फिर से गढ़ते हैं।आओ एक कोशिश फिर से करते हैं,हाँ, मैं मानता हूँइरादे खो गए,हौसले…
पर्यावरण और मानव/ अशोक शर्मा
पर्यावरण और मानव/ अशोक शर्मा धरा का श्रृंगार देता, चारो ओर पाया जाता,इसकी आगोश में ही, दुनिया ये रहती।धूप छाँव जल नमीं, वायु वृक्ष और जमीं,जीव सहभागिता को, पर्यावरण कहती।पर…
03 जून विश्व साइकिल दिवस पर दोहे
03 जून विश्व साइकिल दिवस पर दोहे पाँवगाड़ी साइकिल साधन एक है,सस्ता और आसान।जिसकी मर्जी वो चले, चल दे सीना तान।।बचपन साथी संग चढ़, बैठे मौज उड़ाय।धक्का दें साथी गिरे…
गाँव की महिमा पर अशोक शर्मा जी की कविता
गाँव की महिमा पर अशोक शर्मा जी की कविता गांव और शहर लोग भागे शहर-शहर , हम भागे देहात,हमको लागत है गाँवों में, खुशियों की सौगात।उहाँ अट्टालिकाएं आकाश छूती, यहाँ…