Tag #बाँके बिहारी बरबीगहीया

यहाँ पर हिन्दी कवि/ कवयित्री आदर ० बाँके बिहारी बरबीगहीया के हिंदी कविताओं का संकलन किया गया है . आप कविता बहार शब्दों का श्रृंगार हिंदी कविताओं का संग्रह में लेखक के रूप में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका अदा किये हैं .

बहुत याद आता हैं बचपन का होना

बहुत याद आता हैं बचपन का होना वो बचपन में रोना बीछावन पे सोना,,छान देना उछल कूद कर धर का कोना,,बैठी कोने में माँ जी का आँचल भिगोना,,माँ डाटी व बोली लो खेलो खिलौना,,बहुत याद आता हैं बचपन का होना।।…

कलम से वार कर

कलम से वार कर परिणाम अच्छे हो या बुरे,,उसे सहर्ष स्वीकार कर,,किसी को दोषी मत ठहरा,,अपने आप का तिरस्कार कर,,समीक्षा कर अंतःकरण का,,और फिर कलम से वार कर ।।        जहाँ तुम्हें लगे मैं गलत हूँ,,       वहाँ बेझिझक अपनी हार…