संस्कारों का आधुनिकीकरण- पद्ममुख पंडा महापल्ली

“संस्कारों का आधुनिकीकरण” बचपन से ही है मेरी नजरसमाज के रहन सहन परखान पान;जीवन शैलीसंस्कारों की है जो धरोहर अपनी संस्कृति है ऐसीसुंदर और मनोहरजो यह कहती हैसंपूर्ण विश्व है अपना घर भारतीय परंपरा मेंसुबह चरण स्पर्श करबच्चे पाठशाला जातेमात पिता के आशीष लेकर पर पाश्चात्य सभ्यता काअब हो रहा है असरजिसका पड़ रहा दुष्प्रभावहमारे … Read more

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हाँ मैं भारत हूँ -रामनाथ साहू”ननकी”

हाँ मैं भारत हूँ -रामनाथ साहू”ननकी” आधार — *थेथी छंद* ( मात्रिक ) आदि त्रिकल (14/10 ) , पदांत – 112 मृत्यु तथा जीवन का सुख ,सर्व सदाकत हूँ ।अरब वर्ष से शुभचिंतक , हाँ मैं भारत हूँ ।।सभी उपनिषद् विश्लेषक , सद्गुरु ईश्वर के ।प्रश्न अनूठी जिज्ञासा , शंकास्पद स्वर के ।। लोक और … Read more

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