Tag: *भ्रूणहत्या पर कविता

  • भ्रूणहत्या-कुण्डलिया छंद

    भ्रूणहत्या-कुण्डलिया छंद

    भ्रूणहत्या-कुण्डलिया छंद साधे बेटी मौन को, करती  एक गुहार।जीवन को क्यों छीनते ,मेरे सरजनहार।मेरे सरजनहार,बतायें गलती मेरी।कहँ भू पर गोविंद , करे जो रक्षा  मेरी।“कुसुम”कहे…