ऐसा साल ना देना दुबारा
ऐसा साल ना देना दुबारा गुजरा हुआ ये सालकर गया सबको बेहाल। ना कोई जश्न ना कोई त्योहारबस घर की वो चार दीवार। कभी लिविंग रूम तो कभी बेडरूमयही थी दुनिया और यही थे सब। कभी हाफ पैंट, तो कभी ट्रैक पैंटपहनने मिला ही नहीं कभी कोट पैंट। ना कोई दोस्त मिला ना कोई रिश्तेदारबस … Read more