धर्म एक धंधा है
धर्म एक धंधा है गंगाधर मनबोध गांगुली “सुलेख “ समाज सुधारक ” युवा कवि “ क्या धर्म है ,क्या अधर्म है ? आज अधर्म को ही धर्म समझ बैठें हैं । धर्म से ही वर्ण व्यवस्था , समाज में आया है ।धर्म ही इंसान को , इंसान का दुश्मन बनाया है ।।01।। वर्ण व्यवस्था बाद … Read more