यहाँ पर हिन्दी कवि/ कवयित्री आदर० गौरव चौहान के हिंदी कविताओं का संकलन किया गया है . आप कविता बहार शब्दों का श्रृंगार हिंदी कविताओं का संग्रह में लेखक के रूप में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका अदा किये हैं .

बलात्कार पर आक्रोश कविता

बलात्कार पर आक्रोश कविता तीन बरस की गुड़िया तिल तिल मरके आखिर चली गयी,आज अली के गढ़ में बिटिया राम कृष्ण की छली गयी,नन्हे नन्हे पंख उखाड़े, मज़हब के मक्कारों…

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