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  • प्रेरणादायक दोहे- हेमेंद्र परमार मनु

    प्रेरणादायक दोहे- हेमेंद्र परमार मनु

    नीच कर्म को त्यागिए, सौम्य  गुण अपनाओ
    सौम्य गुण जगजीवन है,  सौम्य लक्ष्य बनाओ ।।

    गुरु के चरण पखारिए,  करे गुरु की सेवा
    गुरु के आशीर्वाद से,  मिलती रहे मेवा ।।

    मीठी वाणी बोलकर,  सब का चित्त हरिए
    सबके चित्त में बसकर, “मनु” काम निकालिए  ।।

    गुरु को प्रणाम कीजिए,  गुरु मधु का प्याला
    गुरु बिना “मनु” ज्ञान नहीं,  गुरो ज्ञान शिवाला।।

    दोहा छंद-  हेमेंद्र परमार मनु

  • दिन गुज़र गए बातें रह गई

    दिन गुज़र गए बातें रह गई

    वह दिन गुज़र गए, पर बात रह गई
    उसके प्यार में, हस्ती हमारी ढह गई

    याद आती हैं वो बातें जो उसने कही
    प्यार किया उसनें,चाहे धोखे में सही

    पल-पल घुटता रहा, उसकी यादों में
    जिंदगी हो गई, दफन उसके वादों में

    आज तक याद है , जहरीली वो बातें
    उसकी यादों में बिताई, गम भरी रातें

    वो मेरे अथाह दर्द पर हँस कर रह गई
    वह दिन गुज़र गए, पर बात रह गई

    प्यार का दर्द क्या है उसने मुझे बताया
    उसकी यादों ने, पल-पल मुझे सताया

    बातें उसकी, मधुर-मधुर प्यारी-प्यारी
    लगती थी वह मुझे सोन परी सी प्यारी

    उस सोन परी की बातें दिल में रह गई
    जिंदगी मेरी उसके हर दर्द को सह गई

    कटुता की ऐसी, आग लगी जीवन में
    जैसे हरियाली युक्त, आग लगी वन में

    कटुता की अग्नि में सारी यादें जल गई
    वादों की चट्टानें बर्फ की भांति गल गई

    दोनों की पीडाएँ, दर्द बनकर रह गई
    वह दिन गुज़र गए, पर बात रह गई

    हेमेन्द्र परमार