प्रेरणादायक दोहे- हेमेंद्र परमार मनु
नीच कर्म को त्यागिए, सौम्य गुण अपनाओ
सौम्य गुण जगजीवन है, सौम्य लक्ष्य बनाओ ।।
गुरु के चरण पखारिए, करे गुरु की सेवा
गुरु के आशीर्वाद से, मिलती रहे मेवा ।।
मीठी वाणी बोलकर, सब का चित्त हरिए
सबके चित्त में बसकर, “मनु” काम निकालिए ।।
गुरु को प्रणाम कीजिए, गुरु मधु का प्याला
गुरु बिना “मनु” ज्ञान नहीं, गुरो ज्ञान शिवाला।।
दोहा छंद- हेमेंद्र परमार मनु