तुम्हारा साथ काफी है -राजेश्वरी जोशी

तुम्हारा साथ काफी है कविता संग्रह जिंदगी में तुम्हारा साथ काफी है, हाथों में मेरे तेरा हाथ काफी है। दूर हो या हो पास कोई बात नही है, तुम साथ…

Continue Readingतुम्हारा साथ काफी है -राजेश्वरी जोशी

हम भी दीवाने और तुम भी दीवाने

हम भी दीवाने और तुम भी दीवाने इश्क में हो गये हम दीवानेइश्क में हो गये हम वीरानेइश्क में दौलत क्या है ?इसमें लुट गये सारे खजानेइश्क में हो गये…

Continue Readingहम भी दीवाने और तुम भी दीवाने

प्रीत पुरानी-बाबू लाल शर्मा

प्रीत पुरानी १६ मात्रिक मुक्तकथके नैन रजनी भर जगते,रात दिवस तुमको है तकतेचैन बिगाड़ा, विवश शरीरी,विकल नयन खोजे से भगते।नेह हमारी जीवन धारा।तुम्हे मेघ मय नेह निहारा।वर्षा भू सम प्रीत…

Continue Readingप्रीत पुरानी-बाबू लाल शर्मा

कैसे कह दूं कि मुझे तुमसे प्यार हुआ नहीं

कैसे कह दूं कि मुझे तुमसे प्यार हुआ नहीं   सबको कई बार होता मुझे एक बार हुआ नहीं , तुम्हें देखने को ये दिल भी बेकरार हुआ नहीं, कोशिश बहुत…

Continue Readingकैसे कह दूं कि मुझे तुमसे प्यार हुआ नहीं