कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी दीपावली
यह त्यौहार नरक चौदस या नर्क चतुर्दशी या नर्का पूजा के नाम से भी प्रसिद्ध है। मान्यता है कि कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी के दिन प्रातःकाल तेल लगाकर अपामार्ग (चिचड़ी) की पत्तियाँ जल में डालकर स्नान करने से नरक से मुक्ति मिलती है। विधि-विधान से पूजा करने वाले व्यक्ति सभी पापों से मुक्त हो स्वर्ग को प्राप्त करते हैं।

दीपमाला -कवि सचिन चतुर्वेदी ‘अनुराग्यम्’

दीपमाला जहाँ जन्म हुआ श्री राम का,वेशभूषा वो ही भारत की।राम शिला रखी आज जाएगी,शान यही भारत की॥ आओ सुनाता हूँ तुम को,राम नाम की कहानी।वन वन काटों से पूरी…

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पाँच दिवसीय दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएँ

पाँच दिवसीय दीपावली: अंतर्गत कार्तिक कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी से कार्तिक शुक्ल पक्ष की द्वितीया तक लगातार पांच पर्व होते हैं। इन पांच दिनों को यम पंचक कहा गया है। इन…

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दीपावली के 5 दिन पर कविता Poem on 5 days of Diwali

दीपावली के 5 दिन पर कविता: अंतर्गत कार्तिक कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी से कार्तिक शुक्ल पक्ष की द्वितीया तक लगातार पांच पर्व होते हैं। इन पांच दिनों को यम पंचक कहा गया…

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दीपावली पर कविता (Diwali kavita in hindi)

का के राजा रावण का वध कर पत्नी सीता और भाई लक्ष्मण के साथ अयोध्या वापस लौटे तो उस दिन पूरी अयोध्या नगरी दीपों से जगमगा रही थी. भगवान राम के…

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दीपावली : सुवा गीत/ छत्तीसगढ़ी रचना

यहाँ पर दीपावली अवसर पर गए जाने वाला सुवा गीतों का संकलन किया गया है . छत्तीसगढ़ में सुआ गीत प्रमुख लोकप्रिय गीतों में से है। सुआ गीत का अर्थ…

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