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नानक पर कविता -अलामा मुहम्मद इकबाल
नानक पर कविता-अलामा मुहम्मद इकबाल कार्तिक पूर्णिमा गुरुनानक देव जयंती कौम ने पैग़ामे गौतम की ज़रा परवाह न कीकदर पहचानी न अपने गौहरे यक दाना कीआह ! बदकिसमत रहे आवाज़े…
नानक (कार्तिक पूर्णिमा 1469 – 22 सितंबर 1539) सिखों के प्रथम (आदि )गुरु हैं। इनके अनुयायी इन्हें नानक, नानक देव जी, बाबा नानक और नानकशाह नामों से सम्बोधित करते हैं। नानक अपने व्यक्तित्व में दार्शनिक, योगी, गृहस्थ, धर्मसुधारक, समाजसुधारक, कवि, देशभक्त और विश्वबन्धु – सभी के गुण समेटे हुए थे। इनकी समाधि स्थल गुरुद्वारा ननकाना साहिब पाकिस्तान में स्थित है