
भारत वतन मिले -केवरा यदु”मीरा”
भारत वतन मिले हे प्रभू धरा पर जब जब जनम मिले।भारत वतन मिले भारत वतन मिले। राम कृष्ण गौतम गांधी का है देश।घर घर में हो रामायण गीता का हो संदेश।सूर मीरा तुलसी कबीरा मिले। भारत वतन—— गूँजे…
An anthem consisting of voice, verse and rhythm is called a song. The song is a popular Bhagya genre. It has a mouth and a few nerves. The mouth is repeated after each interval. The song is sung.
भारत वतन मिले हे प्रभू धरा पर जब जब जनम मिले।भारत वतन मिले भारत वतन मिले। राम कृष्ण गौतम गांधी का है देश।घर घर में हो रामायण गीता का हो संदेश।सूर मीरा तुलसी कबीरा मिले। भारत वतन—— गूँजे…
जीवन तेरा बस नाम है युद्ध है संग्राम है जीवन तेरा बस नाम हैदेख मैं हैरान हूँ , तू फ़िर भी क्यों बदनाम हैतूने धारा त्याग को ,तेरी कामना निष्काम हैदेख मैं हैरान हूँ , तू फ़िर भी क्यों बदनाम…
भारत सब से न्यारा दुलारा भारत तु जग से न्यारा, सब से तु है दुलारा,मस्तक तुझे झुकाएँ, तेरे ही गीत गाएँ।। सन सैंतालिस मास अगस्त था, तारिख पन्द्रह प्यारी,आज़ादी जब हमें मिली थी, भोर अज़ब वो न्यारी।चारों तरफ खुशी थी,…
जून दुपहरिया में जून दुपहरिया मे देहिया जरेला |सूखल होठवा पियासिया लगेला | सुना मोरे सइया |कईसे बीतिहे गरमिया के दिनवा हमार |सुना मोरे सइया | पेड़वा का छांव नाही ,चले केवनों उपाय नाही |टप-टप चुवेला पसीनवा चैन कही आय नाही…
इश्क़ के रोग की गर तू जो दवा बन जाए । रात दिन भीगते है बिन तेरे मेरे नैनाबिन तेरे मिलता नही मुझको अब कही चैनाहर घड़ी याद की भरी स्याहीमुझको तड़पाने रात ले आईंतू जो बारिश की तरह आके…
दिल अपना तुझको दिया है नायक –दिल अपना मैने तुझको उपहार दिया हैक्यों तूने अभी तक नहीं स्वीकार किया हैनायिका –हां हमने सनम तुम पर ऐतबार किया हैलो आज कह दिया है तुमसे प्यार किया हैनायक –यादों में रात सारी…
सुन मैंया मोरी राधा से ब्याह करादे सुन मैंया मोरी राधा से ब्याह करादे ।राधा मेरो मन को भावे माता मोहि दिलादे ।सुन मैंया मोरी राधा से ब्याह करादे ।मैंया – ना ना लाला तू अभी है छोटा ।अकल का…
परशुराम जयंती पर रचना हे ! विष्णु के छठवें अवतारी, जगदग्नि रेणुका सुत प्यारे ।तुम अजय युद्ध रण योद्धा हो,जिनसे हर क्षत्रिय रण हारे ।।भृगुवंशी हो तुम रामभद्रब्राम्हण कुल में तुम अवतारीतुम मात पिता के परम भक्तजाए तुम पर दुनिया…
मेरा दिल अब नग़मा तेरे ही क्यूं गाता है हर पल मेरा दिल अब नग़मा तेरे ही क्यूं गाता हैदेखे कितने मंजर हमने तू ही दिल को भाता हैना जानूं क्यूं खुद पे मेरा लगता अब अधिकार नहीआईना अब मैं…
यूँ ही ख़ुद के आगे तुम मजबूर नहीं होना यूँ ही ख़ुद के आगे तुम मजबूर नहीं होनाशौहरत हाँसिल गर हो तो मग़रूर नहीं होनालाख फाँसले तेरे मेरे दरमियाँ क्यों न होनज़र की दूरी सही लेकिन दिल से दूर नहीं…