Tag: @माघ कृष्ण पंचमी मकर संक्रांति पोंगल माघ बिहु पर हिंदी कविता
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मकर से ऋतुराज बसंत (दोहा छंद)-बाबू लाल शर्मा
मकर से ऋतुराज बसंत (दोहा छंद)-बाबू लाल शर्मा सूरज जाए मकर में, तिल तिल बढ़ती धूप।फसले सधवा नारि का, बढ़ता रूप स्वरूप।।.पशुधन कीट पतंग भी,…
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मकर संक्रांति पर कविता
मकर संक्रांति पर कविता मधुर – मृदु बोल संक्रांति पर , तिल – गुड़ – लड्डू के खाओमिलजुलकर सभी प्रेम – प्यार , समता ,…