कविता
- नन्हा मुन्ना राही हूँ देश का सिपाही हूँ बाल गीत
- वृक्ष लगाएं धरती बचाएं/ नीलम त्यागी ‘नील’
- प्रेरक कविता/ डॉ0 रामबली मिश्र वाराणसी
- हो रहा पर्यावरण नुकसान/एस के कपूर “श्री हंस”
- सरस्वती वंदना/डॉ0 रामबली मिश्र
- जलती धरती/मनोज कुमार
- जलती धरती/प्रेमचन्द साव “प्रेम”,बसना
- शिवरात्रि विशेष/डॉ0 रामबली मिश्र
- अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर रचना/सुशी सक्सेना
- जलती धरती/पूनम त्रिपाठी
@माघ कृष्ण पंचमी मकर संक्रांति पोंगल माघ बिहु पर हिंदी कविता
माघ कृष्ण पंचमी मकर संक्रांति, पोंगल, माघ बिहु : मकर संक्रान्ति (मकर संक्रांति) भारत का प्रमुख पर्व है। मकर संक्रांति (संक्रान्ति) पूरे भारत और नेपाल में किसी न किसी रूप में मनाया जाता है। पौष मास में जब सूर्य मकर राशि पर आता है तभी इस पर्व को मनाया जाता है। वर्तमान शताब्दी में यह त्योहार जनवरी माह के चौदहवें या पन्द्रहवें दिन ही पड़ता है, इस दिन सूर्य धनु राशि को छोड़ मकर राशि में प्रवेश करता है। तमिलनाडु में इसे पोंगल नामक उत्सव के रूप में मनाते हैं जबकि कर्नाटक, केरल तथा आंध्र प्रदेश में इसे केवल संक्रांति ही कहते हैं। मकर संक्रान्ति पर्व को कहीं-कहीं उत्तरायण भी कहते हैं।14 जनवरी के बाद से सूर्य उत्तर दिशा की ओर अग्रसर(जाता हुआ) होता है। इसी लिऐ ,उतरायण, (सूर्य उत्तर की ओर) भी कहते है। ऐसा इस लिए होता है, की पृथ्वी का झुकाव हर 6,6माह तक निरंतर उतर ओर 6माह दक्षिण कीओर बदलता रहता है। ओर यह प्राकृतिक प्रक्रिया है। इसी दिन होता है।