तम्बाकू निषेध दिवस पर कविता

तम्बाकू निषेध दिवस पर कविता नशा मत करना,नशा है मृत्य समान,तम्बाकू ने ली असमय मानव जान। शौक- शौक में तम्बाकू खाने लगा अनजान,शरीर खोखला करने लगा,मन मंदिर हुआ वीरान। धीरे धीरे सामने आए,तम्बाकू के दुष्परिणाम,डॉक्टर के पास जाना पड़ा,हुआ गलती का भान। फिर कसम खाई मैंने,छोड़ दिया नशे का साथ,तम्बाकू मुक्त हो गया,मेरा भारत महान।। … Read more

बापू ने ये राह दिखाई

mahatma gandhi

2 अक्टूबर को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के जन्मदिन के अवसर पर समर्पित कविता। यह कविता अन्तराष्ट्रीय अहिंसा दिवस का उत्सव गान भी करती है।