बदलते परिवेश पर कविता

बदलते परिवेश पर कविता बदल रहा है आज जमाना डॉ एनके सेठी द्वारा रचित बदलते परिवेश पर कविता है। आज समय के साथ साथ रिश्तों की परिभाषा बदल चुकी है। बदल रहा है आज जमाना भौतिकता के नए दौर मेंबदल गया सब ताना बाना।रिश्तों की मर्यादा टूटीबदल रहा है आज जमाना।। चौपालें सूनी हैं सारीसंस्कारों … Read more