गुस्से पर कविता

गुस्से पर कविता कौन है जिसको गुस्सा आता नहीं,कौन है जो गुस्से को दबाता नहीं! जिंदगी में जिसने ना गुस्सा किया,देवता है पर खुद को बताता नहीं! जो स्वयं गुस्सा…

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भावनाओं को कुछ ऐसा उबाल दो- रामकिशोर मेहता

भावनाओं को कुछ ऐसा उबाल दो भावनाओं को कुछ ऐसा उबाल दो।जनता न सोचेसत्ता के बारे में,उसके गलियारे में,नित नयेसवाल कुछ उछाल दो। खड़ा कर दोनित नया उत्पात कोई।भूख और…

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