तरबूज पर बाल कवितायेँ

तरबूज पर बाल कविता : तरबूज़ ग्रीष्म ऋतु का फल है। यह बाहर से हरे रंग के होते हैं, परन्तु अंदर से लाल और पानी से भरपूर व मीठे होते हैं। इनकी फ़सल आमतौर पर गर्मी में तैयार होती है। पारमरिक रूप से इन्हें गर्मी में खाना अच्छा माना जाता है क्योंकि यह शरीर में … Read more

केले पर कविता

केले पर कविता सबसे प्यारा सबसे न्यारा मेरा नाम है बनाना। यूं तो हू मैं पीले रंग का सबका दिल हूं चुराता । आम, अनार, सेब, संतरेसबके स्वाद निराले। मैं जीता हूं बिना बीज के ऐसा हूं मैं अनोखा । कदली, केला, रंभा, भानूफलऊंचा लंबा मेरा कद। पूजा पाठ में करे इस्तेमालभोग भी लगे मेरे … Read more

कभी न तोड़ो कच्चे फल

कभी न तोड़ो कच्चे फल बात पते की सुन लो मेरी,फल खाना है बहुत जरूरी।1। सुन्दर ,स्वस्थ,निरोग रहें हम,सारे सुख का भोग करें हम।2। आम,सन्तरा,काजू खाओ,बाबू,भोले,राजू आओ।3। प्रोटीन,विटामिन सब पाये,अनन्नास,अंगूर जो खाये ।4। कुछ मौसम कुछ बारहमासी,रखे,कटे मत खाओ बासी।5। जामुन,सेब,पपीता खाओ,पास डॉक्टर के मत जाओ।6। खरबूजा,तरबूज,अनार ,खा अमरूद न हो बीमार।7। बच्चों सुन लो … Read more

खरबूज बाल कविता

खरबूज बाल कविता हरे रंग खरबूज के,होते हैं ये गोलकाले-काले बीज भी,लगते हैं अनमोल।। करते हैं ये फायदे,पानी भी भरपूर।खाते सब खरबूज को,पूँजीपति मजदूर।। मीठे फल खरबूज के,उपज नदी मैदान।लाल-लाल होते गुदे,खाने में आसान।। नदियों के तट पर लगे,जहाँ बिछी हों रेत।खेती हों खरबूज की,रेत बने सुंदर खेत।। खाते जब खरबूज को,मिलता बढ़िया स्वाद।भर जाता … Read more

रसीले आम पर कविता – सन्त राम सलाम

🥭रसीले आम पर कविता🥭 रसीले आम का खट्टा मीठा स्वाद,बिना खाए हुए भी मुंह ललचाता है।गरमी के मौसम में अनेकों फल,फिर भी आम मन को लुभाता है।। वृक्ष राज बरगद हुआ शर्मिंदा,पतझड़ में सारे पत्ते झड़ जाते हैं।आम की ड़ाल पर बैठ के कोयल,फुदक – फुदक के तान सुनाते हैं।। बसन्त ऋतु में बौराते है … Read more