परशुराम की प्रतीक्षा -रामधारी सिंह ‘दिनकर’

परशुराम की प्रतीक्षा -रामधारी सिंह ‘दिनकर’ छोड़ो मत अपनी आन, शीश कट जाए,मत झुको अनय पर, भले व्योम फट जाए। दो बार नहीं यमराज कण्ठ हरता है,मरता है जो, एक ही बार मरता है। तुम स्वयं मरण के मुख पर चरण धरो रे।जीना है तो मरने से नहीं डरो रे॥ आँधियाँ नहीं जिसमें उमंग भरती … Read more

भगवान परशुराम पर कविता

भगवान परशुराम पर कविता त्रेतायुग के अयाचक ब्राह्मणभगवान विष्णु के छठे अंशावतारतुझे पाकर हे भार्गवधन्य हुआ संसार ।।भृगुवंश की माता रेणुकापिता जिनके जमदग्निसाक्षात प्रभु हे गुरू श्रेष्ठहे हवन कुंड की अग्नि ।।विधुदभि नाम के परशुधारीहे भृगुश्रेष्ठ अमित बलशालीसृष्टि के हरेक जीवों का हे भगवनकरते हो रखवाली ।।भृगुऋषि के महान शिष्यहे पिता के आज्ञाकारीमहाकाल भी जिनके … Read more

परशुराम जयंती पर रचना

परशुराम जयंती पर रचना हे ! विष्णु के छठवें अवतारी, जगदग्नि रेणुका सुत प्यारे ।तुम अजय युद्ध रण योद्धा हो,जिनसे हर क्षत्रिय रण हारे ।।भृगुवंशी हो तुम रामभद्रब्राम्हण कुल में तुम अवतारीतुम मात पिता के परम भक्तजाए तुम पर दुनिया वारीतुम कहलाए शिव परम भक्त,सब काम लोभ तुमसे हारे ।।तुम अजय युद्ध रण योद्धा हो,जिनसे … Read more