राजनीति बना व्यापार जी – राजकुमार मसखरे
राजनीति बना व्यापार जी देखो आज इस राजनीति ककैसे बना गया ये व्यापार जी ,लोक-सेवक अब गायब जो हैंमिला बड़ा उन्हें रोज़गार जी !राजनीति अब स्वार्थ- नीति हैकर रहे अपनों का उपकार जी,कुर्सी में चिपके रहने की लतबस एक ही इनका आधार जी !चमचा बनो व जयकारा लगाओफ़लफूल रहा है ये बाज़ार जी,छुट-भैये नेता पीछे … Read more