विश्व हिंदी दिवस पर कविता / राकेश राज़ भाटिया

विश्व हिंदी दिवस पर कविता “यह हिंदी मन के हर भाव की भाषा है” स्नेह भरे हर मन से मन के यह लगाव की भाषा है। जो रिश्तों को अमृत देता है उस आव की भाषा है।।जब अधरों को छू जाती है, हृदय को जीत लेती है,यह हिंदी तो मन में उमड़ते हर भाव की … Read more

करवा चौथ का दिन / राकेश राज़ भाटिया

करवा चौथ पर कविता

करवा चौथ भारतीय संस्कृति में सुहागिनों के प्रेम और आस्था का प्रतीक पर्व है, जहां हर सुहागन सोलह श्रृंगार कर अपने पति की लंबी उम्र और समृद्धि के लिए व्रत रखती है। इस दिन का विशेष महत्व चांद के दीदार से जुड़ा होता है, जो जीवनसाथी के प्रति समर्पण और प्रेम का प्रतीक माना जाता … Read more

बेटियाँ हैं रब्ब की दुआओं जैसी / राकेश राज़ भाटिया

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“बेटियाँ हैं रब्ब की दुआओं जैसी” – राकेश राज़ भाटिया द्वारा लिखी गई यह खूबसूरत कविता बेटियों के अनमोल होने का एहसास कराती है। बेटियाँ वो उपहार हैं, जो जीवन में खुशियों और दुआओं की सौगात लाती हैं। बेटियाँ हमारी जिंदगी में खुशियाँ लाती हैं, जो हमें आशीर्वादित करती हैं और हमारे जीवन को आनंद … Read more

बाबा साहिब सा सूरमा–राकेश राज़ भाटिया

dr bhimrao ambedkar

बाबा साहिब सा सूरमा -राकेश राज़ भाटिया बदलती रहेगी यह दुनिया, बदलेगा यह दौर ए जहाँ .न हुआ है, न होगा कभी भी, बाबा साहिब सा सूरमा .. वो जिसने कक्षा के बाहर बैठकर ज्ञान का दीया जला लिया .वो जिसने अपनी मेहनत से, विद्या का सागर पा लिया .वो जिसने संविधान बनाकर बदल दिया … Read more