भूख की कविताएँ -रमेश कुमार सोनी

खाना खाने की इच्छा होने पर भूख लगती है। तृप्ति भूख का अभाव है। भूख की अनुभूति हाइपोथैलेमस से शुरू होती है जब यह हार्मोन जारी करता है। यह हार्मोन लीवर के रिसेप्टर के साथ प्रतिक्रिया करता है। हालाँकि एक सामान्य व्यक्ति भोजन के बिना कई हफ्तों तक जीवित रह सकता है। भोजन के कुछ … Read more

नारी पर कविता

स्त्री पर कविता ( Stree Par Kavita ): चैत्र नवरात्रि हिन्दु धर्म में नवरात्रि का बहुत महत्व है। चैत्र नवरात्रि चैत्र (मार्च अप्रेल के महीने) में मनाई जाती है, इसे चैत्र नवरात्रि कहा जाता है। नवरात्रि में दुर्गा के नौ रूपों की पूजा-आराधना की जाती है। चूकी दुर्गा माँ भी एक स्त्री है तो नारी शक्ति पर एक कविता नारी पर सुन्दर कविता आँखों   … Read more

राम कथा के हाइकु

Jai Sri Ram kavitabahar

रामकथा को आप अपनी विभिन्न कहानियों लेखों और कविताओं के माध्यम से जाना ही होगा । आज रामकथा को हाइकु के माध्यम से जानें, जिसे लिखा है रमेश कुमार सोनीजी ने। वैसे बता दें, हाइकु एक जापानी काव्य विधा है । राम कथा के हाइकु 1जटायु मनसीता लाज की रक्षामौत से लड़ा। 2राम का स्पर्शशीला, … Read more

बसन्त की सौगात – रमेश कुमार सोनी

बसन्त की सौगात – रमेश कुमार सोनी शरमाते खड़े आम्र कुँज में कोयली की मधुर तान सुन बाग-बगीचों की रौनकें जवां हुईंपलाश दहकने को तैयार होने लगे पुरवाई ने संदेश दिया कि-महुए भी गदराने को मचलने लगे हैं। आज बागों की कलियाँ उसके आने से सुर्ख हो गयी हैं ज़माने ने देखा आज ही सौंदर्य … Read more

कवि रमेश कुमार सोनी की कविता

हाइकु

कवि रमेश कुमार सोनी की कविता बसंत के हाइकु – रमेश कुमार सोनी 1 माली उठाते/बसंत के नखरे/भौंरें ठुमके। 2 बासंती मेला/फल-फूल,रंगों का/रेलमपेला। 3 फूल ध्वजा ले/मौसम का चितेरा/बसंत आते। 4 बागों के पेड़/रोज नया अंदाज़/बसंत राज। 5 बासंती जूड़ा/रंग-बिरंगे फूल/दिल ले उड़ा । 6 आओ श्रीमंत/दिखाऊँ कौन रँग/कहे बसंत। 7 फूल-भँवरे/मदहोश श्रृंगारे/ऋतुराज में। 8 … Read more